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*1.ई-पशुहाट पोर्टल किसानों और प्रजनकों को रोग मुक्त रोगाणुओं में व्यापार करने हेतु जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।*
संबंधित जानकारी
ई-पशुहाट पोर्टल
कृषि मंत्रालय ने नवंबर, 2016 में डेयरी किसानों के लिए ई-पशुहाट पोर्टल लॉन्च किया है।
यह पोर्टल किसानों, प्रजनकों और अन्य संस्थाओं को रोगमुक्त रोगाणुओं अर्थात जीवित जानवरों, जमे हुए वीर्य और भ्रूण का व्यापार करने हेतु जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
हाल ही में, एक मोबाइल एप्लिकेशन ई-पशुहाट (जी.पी.एम.एस. ट्रांसपोर्टल) भी बनाया गया है और इसे उमंग (नए आयु वर्ग शासन हेतु एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन) के साथ एकीकृत किया गया है।
वर्तमान में वे अपने स्थान के 100 कि.मी. के दायरे के अंतर्गत रोग मुक्त जर्मप्लाज्म सेवाओं की उपलब्धता को जान सकते हैं।
संबंधित जानकारी
नए आयु वर्ग शासन हेतु एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन (यू.एम.ए.एन.जी.)
उमंग, सभी भारतीय नागरिकों को केंद्र से स्थानीय सरकारी निकायों और अन्य नागरिक केंद्रित सेवाओं तक पैन इंडिया ई-गॉव सेवाओं तक पहुंचने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
यह एक एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करता है जहां नागरिक कई सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए एक एप्लीकेशन इंस्टॉल कर सकते हैं।
उमंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एम.ई.आई.टी.वाई.) की एक डिजिटल भारत पहल है।
डेयरी किसानों के उत्थान के लिए अन्य योजनाएं
राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आर.जी.एम.)
यह 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय गोजातीय प्रजनन एवं डेयरी विकास कार्यक्रम के अंतर्गत एक परियोजना है जो स्वदेशी नस्लों के विकास, परिरक्षण और संरक्षण में मदद करती है।
पशुसंजीवनी
योजना के पशु संजीवनी घटक के अंतर्गत, यू.आई.डी. (अद्वितीय पहचान डिवाइस) का उपयोग कर दुग्ध जानवरों की पहचान की जा रही है।
डेयरी प्रसंस्करण एवं ढांचा विकास निधि (डी.आई.डी.एफ.)
इसका लक्ष्य 50,000 गांवों में 95 लाख दूध उत्पादकों को लाभान्वित करना है और कई कुशल, अर्द्ध कुशल और अकुशल श्रमिकों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करना है।
डेयरी उद्यमिता विकास योजना के अंतर्गत, दूध उत्पादन से मार्केटिंग तक विभिन्न गतिविधियों में स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –महत्वपूर्ण योजना
स्रोत-पी.आई.बी.
*2.स्वास्थ्य मंत्रालय ने नया स्वास्थ्य सूचना मंच "आई.एच.आई.पी." लॉन्च किया है।*
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सात राज्यों में समेकित स्वास्थ्य सूचना मंच (आई.एच.आई.पी.) के सम्पूर्ण बीमारी निगरानी कार्यक्रम (आई.डी.एस.पी.) की शुरूआत की है।
यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई इस प्रकार की पहली पहल है।
आई.एच.आई.पी. नवीनतम तकनीकों और डिजिटल स्वास्थ्य पहलों का उपयोग करता है।
यह पहल, नीति निर्धारक बीमारी फैलने का पता लगाने, अस्वस्थता और मृत्यु दर को कम करने और आबादी पर बीमारी का बोझ हल्का करने के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य प्रणाली के लिए वास्तविक आंकड़े प्रदान करेगी।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 – स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे
स्रोत-पी.आई.बी.
*3.यूनेस्को ने कुश्ती के लिए उत्तर और दक्षिण कोरिया द्वारा लगायी गयी संयुक्त बोली को स्वीकार कर लिया है।*
यूनेस्को ने कोरियाई कुश्ती को विश्व के सर्वश्रेष्ठ निधि सांस्कृतिक अभ्यासों में से एक के रूप में मान्यता प्रदान करने हेतु संयुक्त बाली को स्वीकार कर लिया है।
दोनों कोरियाईओं ने अपनी कुश्ती के सांस्कृतिक रूप को संयुक्त राष्ट्र संस्था की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में मान्यता प्राप्त कराने हेतु मूल रूप से पृथक आवेदन दायर किए हैं।
संबंधित जानकारी
सीर्यूम
सीर्यूम अथवा कोरियाई कुश्ती, एक लोक कुश्ती कला है और चौथी शताब्दी से कोरिया का राष्ट्रीय खेल है।
आधुनिक समाज में, प्रत्येक प्रतियोगी एक बेल्ट (सतबा) पहनता है जो कमर और जांघ के चारों ओर पहनी जाती है।
यह खेल कुछ हद तक जापानी सूमो से समानता रखता है।
दक्षिण कोरिया में, पहलवान नंगे बदन रहते हैं और केवल कसे जांघिए पहनते हैं, जब कि उत्तर कोरिया में वे स्लीवलेस जैकेट पहनते हैं।
दक्षिणी मैच, रेत पर आयोजित होते हैं जब कि उत्तरी मैच, एक गोल गद्दे पर आयोजित किए जाते हैं।
यहां पर वर्ष 2003 से जेजू द्वीप के दक्षिण में केवल एक अंतर-कोरियाई कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 1 –कला एवं संस्कृति
स्रोत- द हिंदू
*4.पैसा पोर्टल*
पी.ए.आई.एस.ए. (पैसा) (सस्ते ऋण एवं ब्याज आर्थिक सहायता पहॅुंच हेतु पोर्टल"), राष्ट्रीय शहरी अजीविका मिशन- दीनदयाल अंत्योदय योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को बैंक ऋण पर ब्याज आर्थिक सहायता प्रसंस्करण हेतु एक केंद्रीकृत इलेक्ट्रॉनिक मंच है।
यह वेब मंच, इलाहाबाद बैंक द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है जो कि एक प्रधान बैंक है।
यह लाभार्थियों से सीधे जुड़ने में सरकार की मदद करती है और सेवाओं के वितरण में अधिक पारदर्शिता और क्षमता को सुनिश्चित करती है।
सभी 35 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों और सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, आर.आर.बी. और सहकारी बैंको द्वारा इस वर्ष के अंत तक पैसा पोर्टल को अपनाने की उम्मीद है।
डे-एन.यू.एल.एम. के अंतर्गत मासिक आधार पर आर्थिक सहायता का डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर करने से समय-समय पर छोटे उद्यमियों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त होगी।
संबंधित जानकारी
दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन
शहरी गरीब परिवारों की गरीबी और कमजोरी को दूर करने हेतु उन्हें लाभकारी स्व-रोजगार और कुशल मजदूरी रोजगार के अवसरों तक पहुंचने में सक्षम बनाना है।
इस मिशन का उद्देश्य चरणबद्ध तरीके से शहरी बेघरों को आवश्यक सेवाओं से सुसज्जित आश्रय प्रदान करना है।
यह मिशन, शहरी सड़क विक्रताओं को उभरते हुए बाजार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु उपयुक्त रिक्त स्थान, संस्थागत ऋण, सामाजिक सुरक्षा और कौशल तक पहुंच की सुविधा प्रदान करके शहरी सड़क विक्रेताओं की आजीविका चिंताओं को भी संबोधित करेगा।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 –अर्थशास्त्र
स्रोत-पी.आई.बी.
*5.आर.आई.एम.ई.एस. ने तितली चक्रवात को 'दुर्लभ से दुर्लभ' के रूप में श्रेणीबद्ध किया है।*
अफ्रीका और एशिया के लिए क्षेत्रीय समाकलित बहु-संकट प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (आर.आई.एम.ई.एस.) ने 'तितली' को 'दुर्लभ से दुर्लभ' के रूप में श्रेणीबद्ध किया है। यह एक गंभीर चक्रवाती तूफान है जिसने अक्टूबर में ओडिशा को बर्बाद कर दिया था।
ओडिशा तट पर 200 से अधिक वर्षों के चक्रवात ट्रैक इतिहास से पता चलता है कि तितली तूफान अपनी विशेषताओं के आधार पर 'दुर्लभ से दुर्लभ' के रूप में श्रेणीबद्ध किया गया है-
भूमिगत होने के बाद पुनरावृत्ति
भूमिगत होने के बाद अपनी विनाशकारी क्षमता को बनाए रखना
दो दिनों से अधिक समय के लिए तटीय क्षेत्रों से दूर पुनरावृत्ति करना
संबंधित जानकारी
क्षेत्रीय समाकलित बहु-संकट प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (आर.आई.एम.ई.एस.)
आर.आई.एम.ई.एस., एक अंतरराष्ट्रीय और अंतर सरकारी संस्थान है, जो प्रारंभिक चेतावनी सूचना के उत्पादन और आवेदन हेतु अपने सदस्य राज्यों द्वारा स्वामित्व और प्रबंधित है।
यह 30 अप्रैल, 2009 को वर्ष 2004 के हिंद महासागर सुनामी के बाद स्थापित किया गया था और इसे संयुक्त राष्ट्र के साथ पंजीकृत किया गया था।
आर.आई.एम.ई.एस. थाईलैंड के पाथुमथानी में स्थित एशियाई प्रौद्योगिकी संस्थान के परिसर में स्थित अपने क्षेत्रीय प्रारंभिक चेतावनी केंद्र से संचालित होता है।
वर्तमान में भारत सरकार आर.आई.एम.ई.एस. परिषद अध्यक्ष के रूप में कार्यरत है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 –आपदा प्रबंधन
स्रोत- द हिंदू
*7.'हौसला- 2018'*
बाल देखभाल संस्थानों (सी.सी.आई.) के बच्चों के लिए राष्ट्रीय उत्सव- "हौसला 2018" का नई दिल्ली में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा उद्घाटन किया गया है।
यह पूरे भारत में सी.सी.आई. के बच्चों के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करता है जिससे कि वे अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर सकें और वे अपने अंदर छिपी प्रतिभा का एहसास कर सकें और जीवन में उनकी प्रतिभा को विकसित करने में उनकी मदद कर सके।
इस कार्यक्रम की थीम "बाल सुरक्षा" है।
सी.आई.एफ. (चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन) और एन.आई.पी.सी.सी.डी. कार्यक्रम के आयोजन में मंत्रालय की सहायता करेंगे।
संबंधित जानकारी
राष्ट्रीय सहकारिता एवं बाल विकास संस्थान
राष्ट्रीय सहकारिता एवं बाल विकास संस्थान (एन.आई.पी.सी.सी.डी.), महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत नई दिल्ली में एक भारतीय सरकारी संस्था है।
भारत में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास के समग्र क्षेत्र में स्वैच्छिक कार्रवाई अनुसंधान, प्रशिक्षण और दस्तावेज़ीकरण के संवर्धन हेतु एन.आई.पी.सी.सी.डी. कार्यरत है।
इस संस्थान की स्थापना वर्ष 1966 में हुई थी, इस संस्थान के चार क्षेंत्रीय केंद्र- गुवाहाटी, बैंगलोर, लखनऊ और इंदौर में स्थित हैं।
अप्रैल, 1985 में संस्थान को बच्चों, प्रशिक्षण, अनुसंधान और वकालत के लिए विकासशील सेवाओं में अपने काम के सम्मान में यूनिसेफ द्वारा मॉरीस पेट मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन (सी.आई.एफ.)
यह पूरे देश में चाइल्डलाइन 1098 सेवा की स्थापना, प्रबंधन और निगरानी हेतु मूल संगठन के रूप में कार्यरत है और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की प्रधान संस्था है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –महिला सशक्तीकरण
स्रोत-पी.आई.बी.
*7.भारत और चीन ने डी.टी.ए.ए. में संशोधन करने के लिए प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हैं।*
भारत और चीन की सरकारों ने दोहरे कराधान से बचने के लिए और आय पर कर के सापेक्ष वित्तीय परिहार की रोकथाम हेतु दोहरे कराधान परिहार समझौते (डी.टी.ए.ए.) में संशोधन किया है।
यह प्रोटोकॉल नवीनतम अंतरराष्ट्रीय मानकों को जानकारी के विनिमय हेतु मौजूदा प्रावधानों को भी अपडेट करता है।
इसके अतिरिक्त यह प्रोटोकॉल, आधार क्षरण और लाभ स्थानांतरण (बी.ई.पी.एस.) परियोजना की कार्य रिपोर्ट के अंतर्गत संधि से संबंधित न्यूनतम मानकों को लागू करने के लिए आवश्यक परिवर्तनों शामिल करता हैं, बी.ई.पी.एस. में भारत ने समान आधार पर भाग लिया था।
संबंधित जानकारी
दोहरा कराधान परिहार समझौता
डी.टी.ए.ए., एक कर संधि होती है जो दो या दो से अधिक देशों के बीच हस्ताक्षरित की जाती है।
इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि इन देशों में करदाता एक ही आय पर दो बार कर देने से बच सकते हैं।
डी.टी.ए.ए. उन मामलों में लागू होता है जहां एक करदाता एक देश में रहता है और दूसरे में कमाता है।
डी.टी.ए.ए. या तो आय के सभी स्रोतों को कवर करने के लिए व्यापक हो सकते हैं या शिपिंग, हवाई परिवहन, विरासत इत्यादि से प्राप्त आय पर कर जैसे कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित हो सकते हैं।
वर्तमान में, भारत ने विश्व के 80 से अधिक देशों के साथ दोहरा कराधान परिहार संधि की हुई है।
यह महत्वपूर्ण क्यों है?
डी.टी.ए.ए. का उद्देश्य दोहरे कराधान पर राहत प्रदान करके देश को एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाना है।
विदेश में कमायी गई आय पर निवास करने वाले देश में कोई कर नहीं लिया जाएगा अथवा विदेश में पूर्व भुगतान किए जा चुके विस्तार करों का ऋण प्रदान करने जैसी सहायताएं प्रदान की जाएंगी।
कुछ मामलों में डी.टी.ए.ए. कर की रियायती दरें भी प्रदान करता हैं।
डी.टी.ए.ए. से संबंधित समस्याएं
डी.टी.ए.ए., कराधान से बचने के लिए निम्न कर शासनों के माध्यम से निवेश को बदलने हेतु वैध निवेशकों के लिए प्रोत्साहन के रूप में कार्य कर सकता है।
इससे देश के राजस्व कर में कमी आती है।
जनरल एंटी अवॉइडेंस नियम (जी.ए.ए.आर.)
जनरल एंटी अवॉइडेंस नियम (जी.ए.ए.आर.), भारत का एक कर-विरोधी बचाव नियम है।
यह वित्त मंत्रालय के अंतर्गत राजस्व विभाग द्वारा तैयार किया गया है।
यह कर कानूनों में हेरफेर करके जानबूझ कर, टैक्स से बचने के लिए किए जाने वाले कार्यो की रोकथाम के लिए बनाया गया है।
यह किसी भी बड़ी पूंजी वाले सौदे अथवा संयुक्त उद्यम की जांच करने में आयकर विभाग को सशक्त करता है।
यह मॉरीशस, लक्जमबर्ग, स्विट्जरलैंड जैसे टैक्स आश्रयों के माध्यम से निवेश को रूट करने के माध्यम से चोरी करने वाले कर चोरों को रोकता है।
कर आश्रय देशों
कर आश्रय देश वे देश अथवा क्षेत्र होते हैं जहां पर शून्य अथवा बहुत कम कराधान दर होती है जो कर परिहार अथवा कर चोरी के व्यक्तिगत और व्यापारिक अवसर प्रदान करता है।
कर चोरी
यह आय, व्यय आदि की सूचना न प्रदान करने के द्वारा कर का भुगतान न करने की गैरकानूनी कार्य है।
कर परिहार
टैक्स कोड में शामिल विधियों का उपयोग करके करों का वैध न्यूनीकरण है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –अंतर्राष्ट्रीय संबंध
स्रोत- द हिंदू
*8.ओडिशा ने सार्वजनिक साइकिल साझाकरण प्रणाली की शुरूआत की है।*
ओडिशा सरकार ने यातायात भीड़ को कम करने, स्थान दक्षता में वृद्धि करने और भुवनेश्वर की वायु गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु एक सार्वजनिक साइकिल साझाकरण प्रणाली की शुरूआत की है।
राजधानी क्षेत्र शहरी परिवहन और भुवनेश्वर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने पी.बी.एस. के लिए एक साथ मिलकर काम किया है, जिसे 'एम.ओ. साइकिल' प्रणाली के रूप में नामित किया गया है।
सवार, निकटतम एम.ओ. साइकिल स्टेशन का पता लगा सकता है और क्विक रिसपांस कोड स्कैन के माध्यम से साइकिल को अनलॉक कर सकता है।
जी.पी.एस. और स्मार्ट लॉक जैसी प्रौद्योगिकी विशेषताएं इस प्रणाली का एक अभिन्न हिस्सा हैं।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –गवर्नैंस
स्रोत-पी.आई.बी.
*9.बिहार सरकार ने राजगिर में भगवान बुद्ध की 70 फीट ऊँची प्रतिमा का अनावरण किया है।*
बिहार के मुख्यमंत्री ने नालंदा जिले के राजगिर में भगवान बुद्ध की 70 फीट ऊँची प्रतिमा का अनावरण किया है।
यह देश में बुद्ध की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है।
यह प्रतिमा घोराकटोरा झील के मध्य में 16 मीटर त्रिज्या के मूर्तितल के ऊपर बनाई गयी है और यह प्रतिमा 4500 घन फुट गुलाबी बलुआ पत्थर से बनाई गयी है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर -1 भारतीय भूगोल
स्रोत- ए.आई.आर.